भू आधार कार्ड का नाम आपने पहली बार सुना होगा लेकिन जमीनों के विवादों से निपटारा करने के लिए सरकार ने अभी 14 अंक का एक डिजिटल आईडेंटिफाई नंबर जमीन के लिए जारी करने हेतु भू आधार कार्ड लांच किया है
जिस तरह आपकी पहचान के लिए आधार कार्ड काम में आता है इस तरह सरकार अब किसी भी जमीन और प्लांट के पहचान हेतु भू आधार कार्ड लांच करने जा रही है जिसके बारे में आज आपको कंप्लीट अपडेट उपलब्ध करवाने जा रहे हैं ताकि आप भी अपनी जमीन के भू आधार के बारे में जान सके
भू आधार कार्ड के बारे में जानकारी
भू आधार कार्ड आपके जमीन की एक विशिष्ट पहचान संख्या होगी जो डिजिटल इंडिया भू अभिलेख आधुनिकरण के अंतर्गत जारी की जाएगी जिसे ULPIN के नाम से जाना जाएगा और इसके आने से भूमि संबंधित संपूर्ण विवादों का निपटारा आसानी से किया जा सकेगा
ग्रामीण क्षेत्रों में हमने देखा है कि अधिकतर झगड़ा जमीन को लेकर होते हैं इसी का निपटारा करने के लिए सरकार भू आधार कार्ड लेकर आ रही है जिसके लिए बजट में विशेष घोषणा की गई है किसान वर्ग की जमीन को डिजिटलाइजेशन करने की घोषणा बजट में की गई है और इसी के अंतर्गत यहां भू आधार कार्ड लांच किया गया है
भू आधार कार्ड के फायदे
भू आधार कार्ड के माध्यम से सबसे बड़ा फायदा जमीन विवाद को लेकर होने वाले झगड़ों में मिलने वाला है वह आधार कार्ड बनने के पश्चात जमीनों के झगड़े कम होंगे इसके अलावा कोर्ट का समय भी बचेगा एवं भू आधार कार्ड बनने के बाद सरकार को जमीनों का संपूर्ण रिकॉर्ड पहुंच जाएगा जिससे किसानों के लिए बनाई जाने वाली पॉलिसी में भी काफी फायदा होगा
भू आधार कार्ड कब तक बनेगा
अब सबसे बड़ा सवाल यही निकाल कर आ रहा है कि भू आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया कब तक संपन्न होगी तो हम आपको यह बता दें कि इस प्रक्रिया को अभी शुरुआती चरण में लिया गया है और बजट में की गई घोषणा के अनुसार इसे तुरंत लागू करने में 3 वर्ष का समय लग जाएगा
भू आधार कार्ड के माध्यम से देश की संपूर्ण भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड बनने जा रहा है इसलिए इस प्रक्रिया में समय लग सकता है लेकिन बजट में किए गए प्रावधानों से इस प्रक्रिया को लागू करने में अब आसानी होगी और सभी राज्यों में भू आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया जल्द ही प्रारंभ हो जाएगी
भू आधार कार्ड में यह आएगी डिटेल
यह कार्ड बनने पर इसमें भूमि के मालिक का नाम आएगा इसी के साथ ही उसके पिता का नाम भी आएगा और गांव का नाम भी इसमें दर्ज होगा इसके अलावा तहसील, जिला, राज्य और भूमि के क्षेत्रफल सहित भूमि की किस्म संबंधित जानकारी भी इसमें दी जाएगी
भू आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया
जमीन का आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया के लिए हम आपको बता दें कि यह प्रक्रिया राजस्व विभाग की ओर से जारी की जाएगी और राजस्व विभाग के कर्मचारियों के द्वारा जिओ ट्रैकिंग के माध्यम से वह आधार कार्ड बनाए जाएंगे
यह कार्ड बनाने के लिए संबंधित राज्य के राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा सभी गांव में जाकर मौके पर जिओ टेगिंग की जाएगी और जिससे उसे भूमि का सेटेलाइट से रिकॉर्ड से हो जाएगा और कुल क्षेत्रफल भी एकदम सही आएगा एवं मौके पर जिओ टेगिंग होने के कारण उस भूमि के असली मालिक के नाम ही यह भूमि रिकॉर्ड होगी
यह थी भू आधार कार्ड के बारे में संपूर्ण जानकारी अभी इसका पायलट प्रोजेक्ट पूर्ण हो चुका है और जल्द ही इसे सभी राज्यों में लागू किया जाएगा इसके बारे में अधिक प्रक्रिया की जानकारी आते ही हमारे द्वारा आपको जानकारी व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैनल पर उपलब्ध करवा दी जाएगी